Should I feel shame on to be a Hindu??? 21-12-2010 की post का हिंदी रूपांतरण-
क्या मुझे एक हिन्दू होने पर शर्म महसूस करनी चाहिए?
जब मैं पैदा हुआ था, मैं क्या था? मैं कहाँ पैदा हूँगा, किस धर्म में पैदा हूँगा, मैं नहीं जानता ? अब मैं एक "हिन्दू परिवार 'में पैदा हुआ, इसलिए मैं एक हिंदू हूँ| अगर मैं एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुआ था, तो मैं एक मुस्लिम बन जाता| मैं भारत में पैदा हुआ तो "जय हिंद", अगर मैं तो पाकिस्तान में पैदा होता तो "पाकिस्तान जिंदाबाद"| इस सब में मेरा योगदान क्या है? इसमें मेरी गुणवत्ता या महिमा क्या है? मेरे जन्म या किसी के जन्म पर शर्म की करने के लिए कुछ भी नहीं है, या गर्व महसूस करने के लिए भी कुछ नहीं है ?
....पर अब केवल एक हिंदू परिवार में पैदा होने की वजह से कुछ लोग मुझे अपमानित कर रहे हैं | यह सिर्फ एक फूल का अपमान करने जैसा है| जैसे सिर्फ दो फूलों की तुलना करके एक फूल का अपमान करना गलत है| दो फूलों के बीच तुलना कैसे संभव है ? सभी अपने स्तर पर अच्छे और अद्वितीय हैं| गुलाब का फूल गुलाब है और कमल,कमल ही है, दोनों फूलों में कुछ भी गलत नहीं है| कैसे एक गुलाब का फूल कमल हो सकता है? या एक कमल एक गुलाब हो सकता है?
किसी भी धर्म को आतंकवादी कहना या एक धर्म को आतंकवादी से अधिक हानिकारक नहीं कहा जा सकता है| यह भारत में, यह लोकतंत्र की सत्ता के दुरुपयोग का एक उदाहरण है| एक धर्म का पक्ष लेने के लिए अन्य धर्मों का विरोध करना पक्षपात है| एक विशेष धर्म को प्रोत्साहित करने के लिए और अन्य धर्म का अपमान करना, यह सरकार का और सरकार के सहयोगी दलों का एक पूर्व नियोजित एजेंडा हो सकता है|
फूट डालो और राज करो - यह अंग्रेजों की नीति थी | हमें समझना चाहिए कि कौन आतंकवादी हैं जो आतंक फैला रहें हैं वो आतंकवादियों हैं | आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता| कुछ लोग केवल लोगों को संबोधित करके और उनकी भावनाओं के साथ खेल कर उन्हें आतंकवादी बना रहे हैं |
श्री राहुल गांधी क्या कर रहे हैं ? श्री राहुल गांधी भी लोगों को संबोधित कर रहे हैं| (यह लेख 21 Dec. 2010 को लिखे गए लेख का हिंदी रूपान्तर है उस दौरन श्री राहुल गाँधी और अन्य नेताओं द्वारा हिन्दुओं को आतंकवादी कहने का दौर चल रहा था| इसी सन्दर्भ में यह बात कही गयी है | )
फूट डालो और राज करो - यह अंग्रेजों की नीति थी | हमें समझना चाहिए कि कौन आतंकवादी हैं जो आतंक फैला रहें हैं वो आतंकवादियों हैं | आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता| कुछ लोग केवल लोगों को संबोधित करके और उनकी भावनाओं के साथ खेल कर उन्हें आतंकवादी बना रहे हैं |
श्री राहुल गांधी क्या कर रहे हैं ? श्री राहुल गांधी भी लोगों को संबोधित कर रहे हैं| (यह लेख 21 Dec. 2010 को लिखे गए लेख का हिंदी रूपान्तर है उस दौरन श्री राहुल गाँधी और अन्य नेताओं द्वारा हिन्दुओं को आतंकवादी कहने का दौर चल रहा था| इसी सन्दर्भ में यह बात कही गयी है | )
भविष्य में ऐसा हो भी सकता है कि हिंदू लोग कुछ राजनीतिक नेताओं की वजह से भारत में आतंक और असुरक्षा महसूस करें| उस समय हिंन्दू कहाँ जायेंगे?
कहानी तो अब शुरू हुई है | मेरे दोस्त मुसलमान भी हैं | मैं उनके साथ काम करता हूँ और उनके साथ भोजन भी करता हूँ | यह देश मुझे सिर्फ एक बगीचे की ही तरह लग रहा है, उस फूल का यह नाम क्यों है, और दुसरे का यह नाम क्यों है? मुझे नहीं पता है और मैं पता भी नहीं करना चाहता | लेकिन क्या इस सब के बाद, मुझे एक बगीचे में एक फूल होने में शर्म की बात महसूस करनी चाहिए? किसी भी देश की सरकार को सभी के धर्म के सभी लोगों को एक साथ लाने की कोशिश करनी चाहिए |
....लेकिन भारत सरकार के कुछ लोग गलत तरफ उनकी शक्ति का उपयोग कर रहे हैं | वे लोगों को क्यों विभाजित करना चाहते हैं ? आज के नेता भारत और भारतीय संविधान की नींव कमजोर कर रहे हैं | सभी लोगों को हिरणकश्यप और परह्लाद की कहानी का पता है | हर कोई जानता है कि हिरणकश्यप कैसे समाप्त हो गया था |
क्योंकि श्री राहुल गांधी श्री फिरोज गांधी के पोते हैं, इसलिए हम मुसलमानों के लिए उनके प्यार को समझ सकते हैं| यह लग रहा है कि श्री राहुल गांधी उनके व्यक्तित्व, उनके धर्म और उसकी पहचान को स्वीकार करने से हिचकते हैं, पर इस सब के बारे में की स्वीकृति में शर्म की क्या बात है?
उनकी पार्टी या उनके सहयोगी दलों के कुछ अन्य नेता एक ही रास्ते पर चल रहे हैं | सभी लोग एक ही तरह से कर रहे हैं और इस सब से बड़ा राजनीतिक फायदा होने की बहुत उम्मीद में हैं | क्या यह जरुरी है कि "मुसलमानों के लिए अपने प्यार को दिखाने के लिए, मुसलमानों के अलावा" और अन्य धर्म के लोगों का अपमान किया जाये ? अगर एक देश का एक राजा ही भेदभाव कर रहा हो तो, लोग कहाँ जायेंगे? राजा तो किसी को भी उपहार या किसी को जेल भेजने के लिए आदेश कर सकता है | सब राजा के मूड पर निर्भर करता है| श्री राहुल गांधी के पास भी किसी भी राजा से ज्यादा शक्ति है|
भारत में श्री राजीव गांधी और कई अन्य लोग कई आतंकवादी हमलों में मारे गए , कई परिवार नष्ट हो गए थे | उनके परिवार के बाकी सदस्यों को न्याय पाने के लिए यहाँ और वहाँ घूमना पड़ा, लेकिन आज तक क्या हुआ? दूसरी ओर कुछ ही लोगों को V.V.I.P. रहन-सहन और उपचार, V.V.I.P. सुरक्षा, क्यों मिल रही है? केवल इसलिए क्योंकि वे लोग राजनीतिक परिवारों से संबंध रखते हैं?
मेरे विचार के अनुसार हिंदू या मुसलमान केवल एक सामाजिक पहचान के अलावा कुछ नहीं हैं | बस फूल की ही तरह एक गुलाब का फूल और दूसरा कमल का फूल हो सकता है | एक फूल का कमल या गुलाब होना क्या गलत है? दोनों बराबर है और अपनी जगह पर बिल्कुल सही हैं | जो लोग भी किसी के धर्म के बारे में अपमान जनक बात कर रहे हैं के सब हिंसक हैं| किसी के भी धर्म का अपमान करना, यह भारतीय संविधान का अपमान है| हर किसी को किसी भी धर्म को स्वीकार करने और अपने तरीके से भगवान की प्रार्थना करने का मौलिक अधिकार है | यह भारतीय संविधान की नींव है, यह एक मानवाधिकार भी है|